स्वास्थ्यकर्मी अपने सामने खिलाएंगे फाइलेरिया रोधी दवा:सीएमओ

फाइलेरिया से बचाव के लिए 10 अगस्त से चलेगा एमडीए अभियान, पांच साल तक लगातार साल में एक बार दवा के सेवन से होता है फाइलेरिया से बचाव

स्वास्थ्यकर्मी अपने सामने खिलाएंगे फाइलेरिया रोधी दवा:सीएमओ

लाइलाज है फाइलेरिया, दवा सेवन और मच्छरों से बचाव ही है उपाय, ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षकों को जिला स्तर पर दिया गया प्रशिक्षण

 देवरिया । फाइलेरिया जिसे हाथीपांव के नाम से भी जानते हैं एक लाइलाज बीमारी है। इसके संक्रमण से हाथ, पैर, स्तन में सूजन और हाइड्रोसील में सूजन हो जाता है । प्रबंधन के जरिये लिम्फोडिमा को नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। इस बीमारी से बचाव के लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन आवश्यक है । बीमारी से बचाव के लिए दवा के सेवन और इसका संक्रमण फैलाने वाले मच्छरों से बचाव आवश्यक है। 
 
यह बातें सीएमओ डॉ राजेश झा ने 10 अगस्त से 2 सितम्बर तक प्रस्तावित फाइलेरिया के सर्वजन दवा सेवन एमडीए अभियान के ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षकों के जिला स्तरीय प्रशिक्षण को धनवंतरि सभागार में सोमवार को सम्बोधित कर रहे थे। प्रशिक्षण में ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षकों के साथ साथ शहरी क्षेत्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को एमडीए अभियान के बारे में भी प्रशिक्षित किया गया ।
 
एसीएमओ वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल डॉ संजय गुप्ता ने कहा कि अभियान से जुड़े प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जाए। फाइलेरिया विश्व में दिव्यांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ सुरेंद्र कुमार चौधरी, अर्बन नोडल अधिकारी आरपी यादव, डीसीपीएम राजेश गुप्ता, सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि,  डीडीएचईआईओ लाल बचन चौधरी सहित सीफार, पाथ, पीसीआई संस्था के प्रतिनिधि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

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