पाकुड़िया में मानसूनी वर्षा के बिना कृषि कार्य बाधित

धान की रोपनी में विलम्ब होने से किसानों की बढ़ी चिन्ता

पाकुड़िया में मानसूनी वर्षा के बिना कृषि कार्य बाधित

पाकुड़िया/पाकुड़,/झारखण्ड:- बीते दस एवम ग्यारह जुलाई की संध्या को हुई 48.8 एमएम वर्षा पात होने के बाद 16 तक झमाझम मानसूनी बारिश नहीं होने से पाकुड़िया प्रखण्ड के कृषकों में गहरी चिन्ता दिख रही है।प्रखण्ड के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से मिल रही जानकारियों के मुताबिक कहीं खेतों में पानी है तो बीज नहीं और यदि कहीं बीज तैयार है तो जल के बिना रोपनी नहीं हो पा रही है। एक ओर देश के विभिन्न प्रदेशों में भारी बारिश से जल जमाव तथा बाढ़ से लोगों की जान-माल की क्षति हो रही है जबकि पाकुड़ जिला के पाकुड़िया प्रखण्ड में,रिमझिम वर्षा नहीं होने से खेती नहीं होने से किसानों की चिन्ता बढ़ने लगी है।
 
खेती के विषय में पूछने पर किसानों का कहना कि फिलहाल खेती के अनुकूल वर्षा नहीं होने से बड़े पैमाने पर ‌धान रोपनी नहीं हो पा रही है। यदि बड़े पैमाने पर बारिश होगी तो धान रोपनी होगी पर फसल कम होने की सम्भावना है। किसानों का मानना है कि पाकुड़िया प्रखण्ड में अगस्त महीने तक रोपनी की जाती है। हालांकि आसमान पर काले सफेद बादल छाये रहने के बावजूद वर्षा भारी मात्रा में नहीं होना कृषकों को चकित करता रहा है।पाकुड़िया में 22 मई से 11 जुलाई तक हल्के स्तर पर कुल 206.4 मिली मीटर ही वर्षा हुई है।यद्यपि किसानों को आशा है वर्षा का समय है और वर्षा होगी और धान रोपनी भी भले देर से ही सही। 

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