स्वास्थ कर्मियों के मानसिक शरीरिक उत्पीड़न की मिसाल बना सीएचसी तुलसीपुर

सीएचसी अधीक्षक तुलसीपुर डॉ सुमन्त सिंह चौहान का असली चेहरा हुआ बेनकाब

स्वास्थ कर्मियों के मानसिक शरीरिक उत्पीड़न की मिसाल बना सीएचसी तुलसीपुर

बाथरूम गई आशा के पीछे बाथरूम में घुस अश्लीलता के लग रहे आरोप

मरीज दिखाने सीएचसी तुलसीपुर आई आशा से हुई अश्लीलता के पुष्ठि का वीडियो वायरल

विशेष संवाददाता मसूद अनवर की

तुलसीपुर/बलरामपुर

संसार में डॉक्टर की एक अलग पहचान है जिसे आम जनता भगवान का रूप बताती है लेकिन जब वही डॉक्टर जिसे जनता आदर व सम्मान दे ईश्वर के तुल्य मानती है ।लेकिन जब वही डाक्टर सारे मान मर्यादाओं और नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सीएचसी में तैनात अपने ही अधिनस्त कर्मियों से बदतमीजी और अश्लीलता करने लगे यहां तक वह राक्षसी कर्म का केंद्र बन जाए तो उसे इस पेशे का अभिशाप ही कहा जाएगा । मरीजो के जीवन रक्षक के रूप में अपनी एक अलग पहचान वाला डॉक्टर का यह रूप देखकर पूरे चिकित्सक समाज के लिए बड़े शर्म की बात होगी क्योंकि जिस समाज मैं डॉक्टर को एक ऐसा स्थान प्राप्त है कि उसके लिए पुरुष स्त्री और बच्चे सभी समान है वह चाहे बच्चा ,जवान,बूढा ,स्त्री य परुष सब समान है और वह सबका इलाज करता है। और जांच को लेकर शरीर के अंगों को उसके छूने पर आपत्ति नहीं होती क्योंकि वह ऐसे पद पर है जहां उसे छूने और जांच करने की विशेष छूट मरीज की तरफ से होती है जिससे इलाज में किसी प्रकार की कोई कमी न रह जाए। लेकिन जब इस ऐसे पेशे से जुड़ा हुआ व्यक्ति अपनी अश्लीलता और वासना के चलते इतना गिर जाए कि वह अपने ही स्वास्थ केंद्र के महिला कर्मियों से अपने नैतिक व अनैतिक बात को मनवाने और कामवासना शांति करने के लिए सरकारी ऑफिस और घर पर महिला कर्मियों को बुलाकर अश्लील हरकतें करें तो उसे आप क्या कहेंगे । 

वासना का भूत इस कदर हावी हुआ जब महिला कर्मी आशा शौच को लेकर बाथरूम जाती है तो वहां घुसकर अश्लील हरकत करने है का मामला प्रकाश में आया है जिसकी पुष्टि ड्यूटी पर कार्यरत एक आशा के द्वारा की गई है जिसने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि मेरे ऊपर अधीक्षक सुमन्त सिंह की गलत नजर पहले से थी और इसी लिए मुझे मेरे रूप व सिरँगार के तारीफ के बहाने छेड़ते रहते थे और आज हद ही करदी मेरे बाथरूम में घुसते ही वह भी महिला बाथरूम में घुस गए। कामवासना ने इतना अंधा कर दिया कि उनको अपनी और समाज के मर्यादा का भी कोई ख्याल न रहा।जब वह मेरे बाथरूम जाने के बाद मेरे बाथरूम में घुसकर मुझसे अश्लील हरकत करने का प्रयास करने लगा जिसपर किसी तरह मैं बाहर आई और इस घटना की जानकारी अपने परिजन को दी।जिसकी शिकायत करने पर स्थानीय पुलिस द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है उल्टे पुलिसकर्मियों के द्वारा मुझ पर ही दबाव बनाने की बात कर रही है।पीड़ित महिला ने यह भी बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है इसके पहले भी एक आशा के साथ ऐसी घटनाएं हो चुकी है जिसके विवाद को लेकर माननीय न्यायालय के आदेश पर इनपर मुकदमा थाना तुलसीपुर में किया जा चुका है लेकिन सरकारी डॉक्टर होने के साथ काफी राजनीतिक पकड़ के चलते कार्यवाही आगे न बढ़ने की बात सामने आ रही है। इसके चलते सीएचसी अधीक्षक पर हाथ डालने से स्थानीय प्रशासन के अलावा विभाग के उच्च अधिकारी भी कार्रवाई करने से कतराते हैं इसके साथ कर्मचारी और मरीजों से गाली गलौज के कई मामले पहले भी उजागर हो चुके हैं। साथ ही मरीजो से कमीशन सेट वाले जांच केंद्र से जांच और सरकारी दवा न दे अपने पास से दवा बेचने का आरोप भी लगाया है। जो कई सालों से ऐसा चल रहा है लेकिन स्थानीय लोग व सीएचसी तुलसीपुर कर्मचारियो में उसकी इतना खौफ है कि लोग उसके खिलाफ बोलने तक से डरते हैं। सूत्रों की बात करे तो राजनीतिक पहुंच और पैसे के बल पर उस पर कार्यवाही न होने की बात भी सामने आरहा है। जबकि इससे पहले गर्भवती महिला के बच्चे की हुई मौत के मामले में कर्मचारी एनएम को आरोप में फंसा कर अपना बरी हो गया की उक्त महिला ने पुष्टि की है।

जिसको लेकर एक शिकायत पत्र IMG-20240721-WA0008IMG_20240721_165141पुलिस अधीक्षक बलरामपुर को सौप कर पीड़ित महिला ने न्याय की गोहार लगाई है और ऐसे अधिकारी पर विधिक कार्रवाई करने और मुकदमा पंजिकृत करने की मांग की है।

 आपको बताते चले कि मामला जनपद बलरामपुर के तुलसीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा हुआ है जहां के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुमन सिंह चौहान विकास 7 सालों से यहां जमे हुए हैं जिनके ऊपर सीएचसी तुलसीपुर कर्मी एक आशा ने चरित्रहीन होने का आरोप लगाते हुए आरोप की पुष्टि आशा ने अपने बयान में की है। आपबीती बताते हुए बताया है की डॉ सुमन्त सिंह चौहान का दूसरा रूप है जिसमे चरित्र हीनता और अश्लीलता उनपर हावी है और वासना में कितने अंधे हुए हैं कि महिला बाथरूम में घुस छेड़खानी करने पर उतारू है लेकिन दहशत का आलम तो यह है कि वहां के स्थानीय लोगों के साथ सीएचसी तुलसीपुर के अधिकांश कर्मचारी अपना मुंह खोलने से भी डरते हैं। दूसरी तरफ राजनीतिक पकड़ और पैसे के बल पर इनका समुदाय स्वास्थ केंद्र में एकक्षत्र राज कायम है।जिसकी शिकायत पर जिला स्वास्थ विभाग बलरामपुर के अधिकारी भी कार्रवाई नही करते है।

ऐसे में बड़ा सवाल क्या पीड़ित महिला को न्याय मिल सकेगा या ऐसे ही पिछले मामलों की तरह यह मामला भी फाइलों के दलदल में दब जाएगा।

इस सम्बंध में डीएम बलरामपुर को काल करने पर व्यस्त रहने के कारण बात नही हो पाई सीएमओ बलरामपुर से बात करने पर बताया गया कि उक्त प्रकरण की जानकारी नही जानकारी प्राप्त होने पर जांच व कार्यवाही की जाएगी।

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