झूठ बोलने के लिए प्रधानमंत्री को कौन जवाबदेह ठहराएगा।

-लोकपाल से कांग्रेस का सवाल ।

झूठ बोलने के लिए प्रधानमंत्री को कौन जवाबदेह ठहराएगा।

कांग्रेस ने याचिका खारिज किए जाने के बाद लोकपाल से सवाल पूछा है कि झूठ बोलने के लिए प्रधानमंत्री को कौन जवाबदेह ठहराएगा? जयराम रमेश ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, "स्वयंभू अजैविक प्रधानमंत्री को उनके द्वारा बुने गए छल के जाल के लिए कौन जवाबदेह ठहराएगा?" उन्होंने कहा, ''हमने 8 मई, 2024 को मोदी द्वारा किए गए टेम्पो दावे की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की थी। वह मांग अभी भी कायम है।'' संस्था पर कटाक्ष करते हुए रमेश ने कहा, ''इस बीच, लोकपाल निश्चित रूप से लोक (कल्याण मार्ग) पाल साबित हुआ है?''
 
तेलंगाना के करीमनगर में बीती 8 मई को नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी रैली में कहा था कि कांग्रेस के शहजादे पिछले पांच साल से सुबह उठते ही माला जपना शुरू करते थे। जब से उनका राफेल वाला मामला ग्राउन्डेड हो गया, तब से उन्होंने एक नई माला जपना शुरू किया, पांच साल से एक ही माला जपते थे, पांच उद्योगपति, पांच उद्योगपति, पांच उद्योगपति फिर धीरे-धीरे कहने लगे अम्बानी-अडाणी, अम्बानी- अडाणी, अम्बानी-अडाणी, पांच साल से लेकिन जब से चुनाव घोषित हुआ है इन्होंने अम्बानी-अडाणी को गाली देना बंद कर दिया है। जरा शहजादे घोषित करें कि इस चुनाव में ये अम्बानी-अडाणी से कितना माल उठाया है? काले धन के कितने बोरे भर के रूपये मारे हैं। क्या टैम्पु भर कर नोटें कांग्रेस के लिए पहुंची है क्या? क्या सौदा हुआ है?  आपने रातों-रात अम्बानी-अडाणी इनको गाली देना बंद कर दिया, जरूर दाल में कुछ काला है। पांच साल तक अम्बानी- अडाणी को गाली दी और रातों-रात गालियां बंद हो गई। मतलब कोई ना कोई चोरी का माल टैम्पू भर-भर के आपने पाया है। ये जवाब देना पड़ेगा देश को। 
 
नरेंद्र मोदी का यह भाषण वायरल हो चुका था और भक्तगण कभी इस टेंपो से उस टेंपो पर कूद रहे थे तो कभी बोरे भर भर के राहुल गांधी को गालियां देने में लग गए थे।  अब भारत के लोकपाल ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने यह सब जो बोला था, वह चुनावी शगूफा था। यह उनके मन की कपोल कल्पना थी। राहुल गांधी के खिलाफ नरेंद्र मोदी की यह पूरी तरह से अटकल बाजी थी। इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है कि जिसकी जांच कराई जाय या जिसके लिए मुकदमा दर्ज किया जाए। तब डरेंद्र मोदी की जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि क्या प्रधानमंत्री ‘डरे हुए’ हैं और उन्हें ‘गति’ के बारे में कैसे पता है। 
 
राहुल गांधी ने इस पर वीडियो जारी करके कहा था कि, बल्कि पूछा था कि "मोदीजी, क्या आप थोड़ा डरे हुए हैं? आम तौर पर आप बंद दरवाजों के पीछे अडानी और अंबानी के बारे में बात करते हैं, यह पहली बार है जब आप सार्वजनिक रूप से 'अडानी, अडानी, अंबानी' कर रहे हैं। और आप यह भी जानते हैं कि वे टेम्पो में पैसे देते हैं। क्या यह आपका पर्सनल एक्सपीरियंस है? एक काम करें, सीबीआई और ईडी को उनके पास भेजें और पूरी जांच करवाएं, डरें नहीं मोदीजी।" फिर उन्होंने कहा था कि बीजेपी के 'टेम्पो' का 'ड्राइवर' और 'खलासी' कौन है, देश जानता है। 
 
इसके बाद इस मामले पर केस दर्ज कराया था कांग्रेस पार्टी के जयराम रमेश ने जो पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी भी हैं। यह केस उन्होंने 9 मई को ऑनलाइन दर्ज कराया था। अपनी एप्लीकेशन में उन्होंने लिखा था कि 8 मई 2024 को करीमनगर, तेलंगाना में भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भरी जनसभा में हजारों लोगों की रैली में भाषण देते हुए देश के टॉप उद्योगपति गौतम अडाणी, मुकेश अम्बानी व कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाए हैं कि इन दोनों उद्योगपतियों ने कांग्रेस पार्टी को कालेधन के नोटों के बोरे भर-भर कर टैम्पुओं में भिजवाएं हैं। इसलिए इन चुनावों में राहुल गांधी ने अंबानी-अडाणी को गाली देना बंद कर दिया है।  इस भाषण का वीडियो देशभर में वायरल हुआ है। मैंने भी प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण समालखा (पानीपत) में सोशल मीडिया पर सुना है। इस वीडियो की पेन ड्राइव और हिंदी ट्रांसक्रिप्ट का सबूत मैं दे रहा हूं। साथ में देश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित न्यूज की क्लिपिंग सबूत संलग्न है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिनके अधीन खुफिया एजेंसियां हैं और इन खुफिया एजेंसियों की पुख्ता जानकारी इनपुट के आधार पर ही प्रधानमंत्री मोदी ने इसतने गंभीर आरोप लगाए हैं। 
 
जयराम रमेश ने अपनी शिकायत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस ब्यान से साफ है कि उनको सब पता है कि काले धन के कितने बोरे थे, कितना कालाधन था और किन-किन टैम्पुओं में ये काला धन कहां कहां पहुंचाया गया। फिर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान और कानून की रक्षा करने की ली हुई शपथ के खिलाफ उद्योगपतियों अम्बानी, अडाणी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ ईडी, सीबीआई की जांच ना करवाकर अपराध किया है। क्योंकि दोषी उद्योगपति अम्बानी-अडाणी जोकि दोनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परम मित्र हैं और हर विदेशी दौरे में प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अपने साथ ले जाते हैं इसी कारण अभी तक कोई कारवाई नहीं की गई। जबकि राहुल गांधी ने खुद इन गंभीर आरोपों की जांच सीबीआई व ईडी से करवाने की मांग सार्वजनिक तौर पर मीडिया में की है। 
 
अपनी शिकायत में जयराम  ने राहुल गांधी पर भी मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ये दोषी पूंजीपति और दोषी राजनेता आपस में मिलकर काले धन से देश की एकता, संप्रभुता को खतरे में डाल रहे हैं और इस काले धन से देश के लोकतन्त्र व चुनाव व्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं। 
इन्होंने मौजूदा संसदीय व्यवस्था को एक मजाक व ढकोसला बनाकर रख दिया है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उद्योगपतियों गौतम अडाणी, मुकेश अम्बानी व कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी, अज्ञात टेम्पु मालिकों के खिलाफ यूएपीए, मनी लांड्रिंग एक्ट, भ्रष्टाचार निरोधक कानून और सेक्शन 420/467/468/469/120 बी आईपीसी में आपराधिक मुकद्दमा दर्ज करके कानूनी कारवाई की जाए ताकि देश में लोकतंत्र की सुरक्षा हो सके, काले धन पर रोक लगे व देश की संप्रभुता की रक्षा हो पाए।" इस शिकायत पर लोकपाल ने क्या आदेश दिया है, जरा उसे सुनिए। हमने शिकायत और साथ में दिए गए दस्तावेजों, भाषण के ट्रांसक्रिप्ट को ध्यान से पढ़ा है। ट्रांसक्रिप्ट सही है। लोकपाल ने कहा कि सबसे पहले, हमें वीडियो क्लिप में रिकॉर्ड की गई स्पीच का एनालिसिस करने की जरूरत है, जो इस कंप्लेंट का बेस है। निश्चित रूप से यह सार्वजनिक भाषण एक चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में दिया गया था। 
 
भाषण का सार यह है कि - पहले कांग्रेस के राजकुमार ने पांच साल तक राफेल के मुद्दे को असफलतापूर्वक उठाया था और जब यह मामला ठंडा पड़ गया, तो पिछले पांच सालों में उसने पहले सरकारी पक्षपात से पांच उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की बात कही और धीरे-धीरे केवल दो उद्योगपतियों का नाम लिया। हालांकि, संसदीय चुनावों की घोषणा के बाद, राहुल गांधी इस बारे में पूरी तरह से चुप हो गए और उन दो उद्योगपतियों को अपमानित करना बंद कर दिया। इसके लिए नरेंद्र मोदी ने फिर राहुल गांधी से पूछा कि उन्होंने उन दो उद्योगपतियों से चुनावों के लिए कितना पैसा जमा किया है? उन्होंने कितने बोरे काला धन इकट्ठा किया है? क्या नोटों से भरे ट्रक कांग्रेस तक पहुंचे हैं? क्या कोई सौदा हुआ है? क्योंकि राहुल गांधी ने अचानक उन दोनों को अपमानित करना बंद कर दिया हैं, निश्चित रूप से कुछ गड़बड़ है। 
 
नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि पांच सालों तक, राहुल गांधी लगातार दो उद्योगपतियों को अपमानित करते रहे थे और अचानक यह बंद कर दिया, जिसका मतलब है कि उन्हें नोटों से भरे ट्रक मिले होंगे। राहुल गांधी देश को जवाब देंगे। लोकपाल ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि नरेंद्र मोदी ने केवल एक काल्पनिक कमेंट किया था। इसमें नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के आरोपों के आधार पर कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने इसे अपने खुद के ज्ञान के तथ्य के रूप में नहीं कहा है या इसे इस तरह नहीं माना जा सकता है कि उन्होंने भ्रष्टाचार की कार्रवाई लायक किसी क्राइम का कोई खुलासा किया है। यह बयान शैडो बॉक्सिंग में शामिल होने जैसा हो सकता है। किसी भी मानक द्वारा इस तरह की कल्पना को किसी भी जानकारी का खुलासा करने के रूप में नहीं माना जा सकता है।
 
 लोकपाल ने कहा कि कंप्लेन करने वाले ने नरेंद्र मोदी को सार्वजनिक पदाधिकारी के रूप में नामित किया है जिसके खिलाफ शिकायत की जा रही है। यह समझ से परे है कि कैसे एक गैरकानूनी लेनदेन या भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले व्यक्ति को अभियुक्त माना जा सकता है। वह सबसे अच्छा सूचना देने वाला या गवाह हो सकता है, लेकिन निश्चित रूप से भ्रष्टाचार के कथित अपराध शामिल सहयोगी या अभियुक्त नहीं हो सकता। लोकपाल ने कहा कि इस भाषण में ऐसा कोई संदर्भ नहीं है कि नरेंद्र मोदी ने औपचारिक या अनौपचारिक रूप से खुफिया स्रोतों से ऐसी तथ्यात्मक जानकारी पाई हो या इकट्ठी की हो। फैसला सुनाते हुए लोकपाल ने प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि अवैध लेनदेन या भ्रष्टाचार के कृत्य का खुलासा करने वाले व्यक्ति को आरोपी नहीं माना जा सकता। लेकिन लोकपाल ने यह नहीं बताया कि अगर खुलासा किया है तो उस पर आगे जांच होनी चाहिए या फिर नहीं होनी चाहिए।

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