यहां ग्रामींणों की नहीं जानवरों की होती पंचायत

यहां ग्रामींणों की नहीं जानवरों की होती पंचायत

माल, लखनऊ। यह तस्वीर देख रहे हैं, यह कोई सार्वजनिक चारागाह या जानवरों को बांधने का बाड़ा नहीं, यह ग्राम पंचायत पकरा बाजार गांव का पंचायत भवन है। आपको बता दें कि शासन द्वारा लाखों रुपये की लागत से प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत भवन का निर्माण ग्राम समाज की बैठकों आदि के लिये कराया गया था। किन्तु प्रशासनिक शिथिलता की बजह से शासन की इस मनसा पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है। शासन की मंशा के विपरीत इन भवनों पर संबन्धित अधिकारियों की मिली भगत से ग्रामीणों का कब्जा होने लगा है। इन भवनों का उपयोग लोग अपने मवेशी बांधने के लिये करने लगे है।
 
इसी क्रम में ग्राम पंचायत पकरा बाजार गांव में सरकार ने लाखों रुपये खर्च कर पंचायत भवन का निर्माण तो करा दिया, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से पकरा बाजार गांव की पंचायत भवन उपेक्षा का शिकार हैं। भवन में जानवर बांधे जा रहे हैं। सरकार की मंशा के अनुरूप पंचायत भवन में खुली बैठकर व अन्य सरकारी बैठकों का आयोजन होना है। लेकिन, यहां तो इस भवन में मवेशी ड़ेरा डाले हुए हैं।
 
 

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