सीसामऊ के उपचुनाव की घोषणा : भाजपा प्रत्याशी कौन ?
कानपुर। चुनाव आयोग ने सीसामऊ समेत उत्तर प्रदेश सभी दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख का एलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश में उपचुनाव में 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। यह सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा मुकर्रर हो जाने के बाद खाली हुई है। समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है जबकि बसपा की तरफ से व्यवसाई रवि गुप्ता को प्रत्याशी बनाया गया है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है।
और इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारी झटका लगा है। जहां वह मात्र 33 सीटें ही जीत सकी है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी एक ऐसे प्रत्याशी की तलाश में है जो जातिगत समीकरण को देखते हुए सही साबित हो। वैसे तो कई नाम इसमें सामने आ रहे हैं लेकिन भाजपा आलाकमान अभी तक इनमें से कोई प्रत्याशी नहीं चुन सका है। अजय कपूर, सुरेश अवस्थी, अनूप पचौरी, दीपू पांडे और बहुत से नाम शामिल हैं। लेकिन अभी संशय की स्थिति बरकरार है।
भारतीय जनता पार्टी हर हाल में इस बार सीसामऊ सीट का उपचुनाव जीतना चाहती है। जातिगत आंकड़ों के अनुसार सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में हिंदू 61.28 प्रतिशत ,जिसमें अनुसूचित जातियां 12.02 प्रतिशत हैं, मुस्लिम 36.67 प्रतिशत, ईसाई- 0.22 प्रतिशत, सिख 0.10 प्रतिशत, बौद्ध - 0.04 प्रतिशत, जैन- 0.77 प्रतिशत, अन्य -0.92 प्रतिशत हैं। यह सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी जाती है। जब पूरे देश और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की लहर चल रही थी तब 2017, और 2022 में समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर विजय प्राप्त की थी। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक भी चुनाव जीत चुके हैं तथा जनता दल व कांग्रेस के उम्मीदवार भी चुनाव जीत चुके हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में इरफान सोलंकी ने यह सीट लगभग 13000 मतों से जीती थी। भारतीय जनता पार्टी को इस 13000 का अंतर समाप्त करने के लिए हिंदू वोटों को एक करना जरूरी है। लेकिन उसमें सबसे बड़ी बाधा बहुजन समाज पार्टी है क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र में दलितों की तादाद भी अच्छी खासी है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सत्यदेव पचौरी की सुपुत्री नीतू का भी नाम इस लिस्ट में आ रहा है। क्यों कि सपा ने महिला प्रत्याशी को उतारा है। और नसीम सोलंकी को टिकट मिलने के बाद जिस तरह वो रोई थीं उनको सहानुभूति का लाभ मिल सकता है।
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